Poem on International Yoga Day'
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
योग मिटाए रोग
सुबह शाम योग करो.
स्वस्थ रहो मस्त रहो.
तन मन स्फूर्ति जगे.
आलस्य दूर भगे.
यह शरीर हो निरोग.
योग ही मिटाए रोग..
योग साधना सरल.
मन को बाँधना सरल.
नित्य उसका हो अभ्यास.
प्राणायाम स्वाँस प्रस्वाँस.
कम करें थोड़ा भोग.
योग ही मिटाए रोग..
मन में नव उत्साह जगे.
निद्रा तंद्रा दूर भगे.
भारतीय पद्धति पुरातन.
भूल गए थे स्वजन.
फिर से हो रहा उपयोग.
योग ही भगाए रोग..
भस्त्रिका कपाल भाती.
योग है हमारी थाती.
क्रिया है अनुलोम विलोम.
सूर्यनमस्कार क्षेम.
अध्यात्म का अनुपम प्रयोग.
योग ही भगाए रोग..
विविध भाँति योग करें.
आत्मबल स्वयं में भरें.
विश्व का यह पर्व बने.
सभी राष्ट्रो में यह मने.
इससे बड़ा क्या संयोग.
योग ही भगाए रोग..
फूलचंद्र विश्वकर्मा
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