ईदगाह कहानी का सारांश

 यह कहानी एक गरीब लड़के हामिद की है जिसके मां -बाप मर चुके थे और वह अपनी दादी के साथ रहता था । वह बहुत गरीब थे । ईद का दिन होने के कारण उसकी दादी दादी को चिंता थी कि घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं था । सभी लोग शहर जा रहे थे । हामिद भी तैयार था दादी ने उसे तीन पैसे मेला देखने के लिए दिये मेले में तरह- तरह के खिलौने और मिठाईयां थी लेकिन जब हामिद ने एक दुकान पर चिमटा देखा तो झट से खरीद लिया जब दादी ने गुस्से से कहा कि इसका क्या करेगा, पूरा दिन भूखा रहा तो उसने कहा कि तेरी रोंटी बनाते समय उंगलियां जल जाती है ।तो दादी ने उसे सीने से लगा लिया और खुश हो गई ।


No comments:

Post a Comment

Unveiling the Wisdom: SWAMI VIVEKANANDA's Stories that Inspire Generations

Unlock Your Potential with 'Can't Hurt Me' by David Goggins - A Complete Guide"

BUY "CAN'T HURT ME" David Goggins' "Can't Hurt Me" is a raw, inspiring memoir that takes readers through the...

Popular Post